यम को कंपाने वाले ये शब्द आज उसी की गोद में सो गया। यम को कंपाने वाले ये शब्द आज उसी की गोद में सो गया।
इतने शब्द कहाँ से लाते हो तुम? कैसे बुनते हो ये ताना-बाना? इतने शब्द कहाँ से लाते हो तुम? कैसे बुनते हो ये ताना-बाना?
आज हम नयी यादें बना लेने फिर निकलें सोचा क्यों न हम नदी के पास बैठ जाएं। आज हम नयी यादें बना लेने फिर निकलें सोचा क्यों न हम नदी के पास बैठ जाएं।
गुमशुम, मासूम सा बच्चा सपने बुन के चला था। गुमशुम, मासूम सा बच्चा सपने बुन के चला था।
महामारी जो आज है पूरी दुनिया में फैली... उसे हम सबको मिलकर है हराना है ! महामारी जो आज है पूरी दुनिया में फैली... उसे हम सबको मिलकर है हराना है !
अल्फ़ाज़ अल्फ़ाज़